दूर से अच्छा लगता है , पर पास से ?



ये देकिये बदरपुर (दिल्ली ) में बन रहे फ्लाईओवर का मॉडल , देखने में तो यह एक विशंल आँख की तरह लग रहा है, पर वहां क लोगों की स्थिति इस समय ऐसी हो गयी है की दस मिनट का रास्ता तये करने क लिए १ घंटा पहले निकलना पड़ता , अरे जम जो होता है,
एक तरफ
फ्लाईओवर तो दूसरी तरफ मेट्रो लाइन का कार्य |
अब तो यही आस है की यह कार्य जल्द से जल्द ख़तम हो जाये , ताकि हम भी चैन से सड़क पर चल सकें.
 

4 comments:

संगीता पुरी said...

कुछ पाने के लिए कुछ तो खोना ही पडता है .. पर ऐसे कार्यों में देर नहीं की जानी चाहिए .. बहुतों को असुविधा होती है !!

Udan Tashtari said...

कुछ दिन की बात है..आगे आराम ही मिलेगा!

Anonymous said...

achhi suvidha mai samay to lagata hi hai.

Vinayak Kumar Tripathi said...

ये देकिये बदरपुर (दिल्ली ) में बन रहे फ्लाईओवर का मॉडल , देखने में तो यह एक विशंल आँख की तरह लग रहा है, पर वहां क लोगों की स्थिति इस समय ऐसी हो गयी है की दस मिनट का रास्ता तये करने क लिए १ घंटा पहले निकलना पड़ता , अरे जम जो होता है,
एक तरफ फ्लाईओवर तो दूसरी तरफ मेट्रो लाइन का कार्य |
अब तो यही आस है की यह कार्य जल्द से जल्द ख़तम हो जाये , ताकि हम भी चैन से सड़क पर चल सकें.

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